होली में यूं रखें त्‍वचा और बालों का ध्‍यान

होली में यूं रखें त्‍वचा और बालों का ध्‍यान

डॉक्‍टर दीपाली भारद्वाज 

रंगों का त्‍योहार सामने है। कई जगह तो बच्‍चे होली की मस्‍ती में डूब भी चुके हैं। ये ऐसा त्‍योहार है जिसमें हम अपने रोजमर्रा के नियमों को ताक पर रखकर बच्‍चों को हुड़दंग की पूरी छूट देते हैं। रंगों में सरोबोर होने, बलम पिचकारी पर डांस करने, गुझिया और ठंडई का आनंद लेने के लिए बच्‍चों के साथ-साथ बड़े भी पूरी तरह तैयार हैं। ऐसे में ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपकी त्‍वचा इस दौरान पूरी तरह सुरक्षित रहे ताकि त्‍योहार के रंग में भंग न पड़े और मस्‍ती खत्‍म होने के बाद आपको किसी तरह की स्किन एलर्जी या जलन आदि का सामना न करना पड़े।

खतरा

पारंपरिक रूप से होली फूलों और अन्‍य वनस्‍पतियों से तैयार किए गए प्राकृतिक रंगों से खेली जाती थी। मगर आजकल बाजार रसायनों और कृत्रिम डाई से तैयार किए गए सस्‍ते रंगों से अटा पड़ा है। इन रंगों में भारी धातुओं, तेजाब, शीशे के चूर्ण तथा अन्‍य खतरनाक अवययों की मिलावट भी की जाती है। जाहिर है कि इनसे हमारी त्‍वचा को बेहद नुकसान पहुंच सकता है। तात्‍कालिक असर तो त्‍वचा पर खुजलाहट या धब्‍बों के रूप में दिख सकता है जबकि लंबे समय के असर के रूप में पूरे जीवन भल की एलर्जी, एक्‍ज‍िमा, विटिलिगो और यहां त‍क कि नेत्र हीनता का सामना करना पड़ सकता है।

सबसे बेहतर आइडिया तो यही है कि आप प्राकृतिक रंगों और हर्ब से से होली खेलें। यानी टेसू और गेंदा तथा गुलाब से बने रंग, हल्‍दी, चंदन का लेप आदि। मगर हां, इनका इस्‍तेमाल मान लीजिये आप तो कर रहे हैं मगर दूसरों को तो आप मजबूर नहीं कर सकते इनका इस्‍तेमाल करने के लिए। आप बाहर निकलेंगे तो दूसरे लोग तो आप पर वही सस्‍ता रंग और गुलाल उड़ाएंगे। इसलिए मैं आपको त्‍वचा सुरक्षित रखने के कुछ टिप्‍स देती हूं।

ढंक कर रखें

यदि आपके शरीर पर कोई घाव है तो सबसे पहले तो उन्‍हें बैंडेज से अच्‍छे ढंक लें ताकि खुले जख्‍म में रंगों का कोई रसायन न पहुंचे। ध्‍यान रखें कि खुले जख्‍म में इन रसायनों की प्रतिक्रिया भविष्‍य में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के रूप में भी सामने आ सकती है और यदि ये रसायन खून तक पहुंच गए तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है। घाव को ढंकने के बाद अब होली के लिए ऐसे कपड़ों का चयन करें जो आपके पूरे शरीर को ढंक सके ताकि आपकी त्‍वचा रंगों के सीधे संपर्क में न आए। 

अच्‍छे से तेल लगाएं

यदि आपकी त्‍वचा रूखी है तो पूरे शरीर पर अच्‍छे से नारियल का तेल चुपड़ लें। यदि आप चाहें तो इसकी जगह ओलिव ऑयल या फि‍र विटामिन ई ऑयल का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं। तेल लगाते समय कानों के पीछे, उंगलियों के पोरों में और नाखूनों तक के पास तेल लगाना न भूलें। बालों में सरसों का तेल अच्‍छे से चुपड़ लें और महिलाएं अपने बालों को पीछे की ओर कसकर बांध लें। यदि आप लंबे समय से अपने नाखूनों पर अलग-अलग रंगों का प्रयोग करने की सोच रही हैं तो यही मौका है। खूब गहरे रंग के नेल पेंट लगा लें ता‍कि होली के रंग आपके नाखूनों तक न पहुंचें।

आंखों की देखभाल

होली में आंखों की देखभाल बेहद महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि आंखों में रंग जाने से लंबे समय तक खुजलाहट और दुर्लभ मामलों में अंधता की समस्‍या हो सकती है। इसलिए आंखों पर चश्‍मा लगा कर रखें। अगर आप नियमित रूप से चश्‍मा लगाते हैं तब तो कोई बात ही नहीं है अन्‍यथा धूप का चश्‍मा लगाएं। इससे आपकी आंखें तो बचेंगी ही साथ ही आप फैशनेबल भी दिखेंगे।

होली के बाद

होली के हुड़दंग से निबटने के बाद जब आप खुद को मुश्किल से पहचानने की हालत में होंगे तब आपके लिए असली परेशानी शुरू होगी। यानी शरीर के रंग को उतारकर अपनी असली हालत में आने की। चिंता न करें। मैं इसका भी उपाय बताती हूं। सबसे पहले तो बिना किसी साबुन या शैंपू का इस्‍तेमाल किए 5 से 10 मिनट तक यूं ही शावर के नीचे खड़े हो जाएं और पानी को बदन का सारा रंग निकालने दें। इसके बाद किसी लिक्विड साबुन को शरीर पर लगाएं और आराम से पूरे शरीर से रंग को निकालें। ध्‍यान रहे कि त्‍वचा को नुकसान पहुंचाने वाले साबून का इस्‍तेमाल न करें या रगड़ कर रंग निकालने की कोशिश भी न करें। यदि लिक्विड सोप लगाने के बाद भी कुछ रंग शरीर पर बच जाता है तो रंग निकालने के लिए कुछ घरेलू नुस्‍खे आजमाएं।

रंगों का इलाज

चेहरे पर से होली के रंग उतारने में ज्‍यादा सतर्क रहें। बेहतर है कि रूई में ओलिव ऑयल लगाकर पहले रंग को साफ करें और उसके बाद कोई घरेलू उपाय करें। नींबू का रस, दही और एक चुटकी चंदन पाउडर को मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और उसके जरिये शरीर के रंगों को हटाकर पुराना निखार आप वापस पा सकते हैं। इस मिश्रण को और प्रभावी बनाने के लिए इसमें एक चुटकी हल्‍दी पाउडर और एक चम्‍मच आटा भी मिला सकते हैं। इसके बावजूद अगर रंग कहीं रह जाता है तो उसे प्राकृतिक रूप से हटने के लिए एक-दो दिन का समय दें। जबरदस्‍ती उसे छुड़ाने की कोशिश में अपनी त्‍वचा को नुकसान न पहुंचाएं।

ध्‍यान रहे अगर होली के दिन त्‍वचा या आंखों में किसी भी तरह की खुजलाहट या और कोई परेशानी होती है तो डॉक्‍टर से चेक कराएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई गंभीर परेशानी की बात नहीं है।

अंत में आप सभी को रंगों और मस्‍ती से भरी होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

 

(डॉक्‍टर दीपाली भारद्वाज दिल्‍ली की जानी-मानी कॉस्‍मेटोलॉजिस्‍ट हैं और राष्‍ट्रपति भवन की प्रेसिडेंट इस्‍टेट क्लिनिक की मानद डर्मेटोलॉजिस्‍ट हैं। दिल्‍ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके में उनका क्लिनिक है। उनका ई मेल पता है: skincare306.col@gmail.com) 

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